Thursday, April 9, 2015

......तुम अभी भी मेरे पास हो !

ये पानी भी क्यों इतना
खामोश सा बहता है,
तुम्हारी यादों में बसा ये
समा भी कुछ कहता है,

इन हवाओं में अभी भी
तुम्हारी खुश्बू क्यों आती है,
नाम सुन कर लबों पर
मुस्कुराहट क्यों छाती है,

मेरी बातों में बहुत खास हो,
इन हसीं ख्वाबों का एहसास हो,
किसने कहा तुम दूर हो मुझसे,
तुम अभी भी मेरे पास हो !!