Saturday, March 28, 2015

इश्क

चल उन शामों को याद करें,
जो हमने साथ बिताईं...

उन पलों को फ़िर जियें
जिनमें पूरी कायनात पाई,

बस वो जुस्तज़ूं पूरी हो,
उसका इंतज़ार करता हूं,

मुझे याद है इश्क हमारा,
मैं बाहें पसारे बैठा हूं...
मैं राह तुम्हारी तकता हूं !!